साहित्य एवं साहित्कारों के विकास हेतु पिछले डेढ़ वर्षो से कार्यरत संगठन, अनसीन एलोकेन्ट्स ने 5 सितंबर शिक्षक दिवस के अवसर पर ऑनलाइन मैथिली कवि सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमे मिथिलांचल के काफ़ी प्रसिद्ध वरिष्ठ कविगण सम्मलित हुए।
आयोजित मैथिली कवि सम्मेलन में आकाशवाणी उद्घोषक एवं मिथिला चुनाव आईकन श्री मणिकांत झा ने गणपति वंदना से शुरुआत की और फिर दर्द और बाढ़ पर अपनी कविता पाठ किया। नहि लिखब इतिहास, मैथिली गीता एवं काव्यार्पण के संपादक श्री हरिश्चंद्र हरित ने शिक्षक, पाइन और मणिपद्य जी को समर्पित काव्य का पाठ किया। काव्यसंग्रह अरुण स्तंभ, बनिजाराक देशमे एवं उपन्यास दू धाप आगां के लेखक श्री दिलीप कुमार झा ने नहिँ मानब आहाँ के मर्जी एवं आइग कविता का पाठ किया। युवा कवि एवं रंगकर्मी श्री मोहन मुरारी ने नारीकेर, देखत वामा और युद्ध कविताएं सुनाई। नीर भरल नयन के लेखक, युवा कवि श्री अखिलेश कुमार झा ने निरुत्तर राम और बात बात में कविताओं का पाठ किया। राष्ट्रीय उर्दू शायर एवं कवि विद्यापति जी के सौ से अधिक मैथिली गीतों का अंग्रेजी अनुवाद करने वाले युवा कवि श्री राहुल कश्यप ने प्रकृति पर अपनी कविता का पाठ किया। सम्मेलन का संचालन दरभंगा के प्रसिद्ध कवि, अभिनेता और रंगकर्मी, चंद्रधारी मिथिला विज्ञान महाविद्यालय के वर्तमान मैथिली विभाग अध्यक्ष डॉ सत्येंद्र कुमार झा ने किया तथा बहुत अछि आ बनिकऽ रहिहें राजा बेटा कविता का पाठ किया। तथा सम्मेलन की अध्यक्षता, साहित्य अकादमी पुरस्कार 2011 से सम्मानित रहिका मधुबनी के वरिष्ठ कवि श्रीमान उदय चंद्र झा ‘विनोद’ जी करते हुए स्मरण और हास्य कविताओं का पाठ किया। इस मैथिली कवि सम्मेलन का प्रसारण 6 सितंबर को ऑनलाइन माध्यम से किया गया।