नई दिल्ली: भारत का घरेलू व्यापार कोविड 19 महामारी के कारण सदी के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। निकट भविष्य में तत्काल राहत का कोई संकेत न मिलने से व्यापारियों को घुटनों पर ला दिया है। केंद्र-राज्य सरकारों से कोई समर्थन नहीं मिलने से देश भर के 25 फीसद छोटे कारोबारियों की लगभग 1.75 करोड़ छोटे कारोबार बंद हो सकते हैं। यह अर्थव्यवस्था के लिए सबसे विनाशकारी साबित होगा। कंफेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) दिल्ली-एनसीआर संयोजक सुशील कुमार जैन ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकारों की उपेक्षा और उदासीनता भारत में 1.75 करोड़ दुकानों को बंद करने के लिए जिम्मेदार होंगी, जो निश्चित रूप से भारत में बेरोजगारी की संख्या में इजाफा करेगी। कोविड 19 ने भारतीय घरेलू व्यापार को पूरी तरह से हिला दिया है, जो वर्तमान में अपने अस्तित्व के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। पूर्व-कोविड अवधि के दौरान घरेलू व्यापार बाजार में बड़ी वित्तीय तरलता का सामना कर रहा है।